top of page

भाषा सहोदरी हिन्दी के साहित्यकारों / रचनाकारों/ कवियों के विकास और सम्मान के लिए अग्रसर है।

 

भाषा सहोदरी-हिंदी भारत का एक ऐसा संगठन है जो हिंदी भाषा/ साहित्यकारों/ रचनाकारों/ कवियों के विकास और सम्मान के लिए अग्रसर है। भाषा सहोदरी-हिंदी अपने सिद्धांतों पर कार्य करते हुए हिंदी को सही दशा और दिशा देने के लिए कटिबद्ध है।

 

हिन्दी हमारी आन, बान और शान है। 
फिर भी देश में इसका हो रहा अपमान है।

 

हिन्दी अपने देश की अपनी एक पहचान है,
इसीलिए तो देश का पड़ा नाम हिंदुस्तान है,
इस देश के भेष - भूषा, रहन - सहन समान है,

 

हिन्दी हमारी आन, बान और शान है। 
फिर भी देश में इसका हो रहा अपमान है।

 

सिन्धी से हिन्दी हिंदी से हिंदुस्तान है,
इसके लिए कितने ही वीर हुए कुर्बान है,
जिसका निशां तक नहीं भाषा को बोल गुमान है,

 

हिन्दी हमारी आन, बान और शान है। 
फिर भी देश में इसका हो रहा अपमान है।

 

अनुच्छेद 348 (1) में हिन्दी को राजभाषा अपनाया है,
संवैधानिक रूप से हिन्दी को ही राष्ट्रभाषा अपनाना है,
हिंदुस्तान की कामकाजी भाषा भी हिन्दी को बनाना है,
भाषा सहोदरी हिन्दी इस दिशा में कदम एक उठाया है,

की भाषा हिन्दी को दिलाना उसका सम्मान है,


हिन्दी हमारी आन, बान और शान है। 
फिर भी देश में इसका हो रहा अपमान है। 
अब भाषा हिन्दी को दिलाना उसका सम्मान है,

  • Facebook App Icon
  • Instagram App Icon
  • Twitter App Icon

मुख्य  संयोजक

श्री जय कान्त  मिश्रा जी

+91-9811972311  

bottom of page